राहुल गांधी का संसद भवन में भगवान पर भाषण (2024)

 **राहुल गांधी का संसद भवन में भगवान पर भाषण (2024)**


राहुल गांधी का संसद भवन में भगवान पर भाषण (2024)
राहुक गाँधी भागवान 


प्रिय अध्यक्ष महोदय, 


आज इस सम्मानित सदन के सामने मैं एक महत्वपूर्ण विषय पर अपनी बात रखना चाहता हूं। हमारे देश में धर्म और आध्यात्मिकता का विशेष स्थान है। हमारे धर्मों ने हमें सहिष्णुता, प्रेम, और एकता का पाठ पढ़ाया है। 


मुझे याद है कि बचपन में मेरे दादी, इंदिरा गांधी, और पिता, राजीव गांधी, ने मुझे हमेशा सिखाया कि हमारे देश की ताकत उसकी विविधता में है। हमारे विभिन्न धर्म और संस्कृतियाँ हमारे समाज की सुंदरता हैं, और हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए।


भगवान, या ईश्वर, चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाए - राम, कृष्ण, अल्लाह, यीशु, या वाहेगुरु - हमारी आस्था का केंद्र बिंदु हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि धर्म का मूल उद्देश्य मानवता की सेवा करना और शांति का प्रसार करना है।


आज मैं यह कहने के लिए खड़ा हूं कि धर्म और राजनीति को कभी भी एक-दूसरे के खिलाफ नहीं खड़ा होना चाहिए। हमारे संविधान ने हमें धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत दिया है, जो हमें यह सिखाता है कि सभी धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी भी धर्म को विशेष दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए।


हमारे समाज में जो विभाजन और संघर्ष देखे जा रहे हैं, उनका मुख्य कारण धर्म का गलत उपयोग है। धर्म का उपयोग हमें एक-दूसरे से जोड़ने के लिए होना चाहिए, न कि तोड़ने के लिए। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि धर्म का नाम लेकर किसी भी प्रकार का हिंसा या भेदभाव नहीं हो।


मैं इस सदन से अपील करता हूं कि हम सब मिलकर धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का पालन करें और सभी धर्मों का सम्मान करें। हमें यह याद रखना चाहिए कि भगवान ने हमें प्रेम, सहिष्णुता, और एकता का संदेश दिया है। हमें इन सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करना चाहिए।


अंत में, मैं यह कहना चाहूंगा कि भगवान का सच्चा उपासक वही है जो अपने कर्मों से प्रेम, शांति, और एकता का प्रसार करता है। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जहाँ सभी धर्मों और संस्कृतियों को समान रूप से सम्मान दिया जाए।


जय हिंद!


**संक्षिप्त विवरण:**

राहुल गांधी ने अपने भाषण में धर्म और राजनीति के बीच के संबंध पर जोर दिया। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का पालन करने की अपील की और सभी धर्मों का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका संदेश था कि भगवान का सच्चा उपासक वही है जो प्रेम, शांति, और एकता का प्रसार करता है। इसे ही कहते है असली हीरो जो बात करे तो ऐसा लगे की बात तो सही है | 

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